रायबरेली, 6 दिसंबर। जनपद के कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन ने आज डॉ भीमराव अम्बेडकर का महा परिनिर्वाण दिवस मनाया। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव ने कलेक्ट्रेट में भारत के संविधान के निर्माता डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और कहा कि सन 1891 में महू प्रान्त में जन्मे डॉ अम्बेडकर संविधान निर्माण सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। उनको भारतीय संविधान का जनक माना जाता है। इस आयोजन में एडवोकेट और संत गाडगे अम्बेडकर क्रांति, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द कुमार चौधरी ने कहा कि बाबा साहब समता मूलक और समानता वाले देश का निर्माण चाहते थे। वह भारत के पहले कानून मंत्री थे। 06 दिसंबर 1956 को उनका निधन हो गया था। डा0 अम्बेडकर का दृष्टिकोण उनकी विचारधारा मानवतावादी रही। उनका उद्देश्य शोषित पीडित समाज का विकास करना एवं उनके मानवाधिकारों से सजग कराना था। वह एक बहुत ही अच्छे अधिवक्ता थे। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता यशपाल सिंह नें कहा कि बाबा साहब नें समाज के चिंतन में स्वतंत्रता, समानता, बंधुता व न्याय के दर्शन होते है। डा0 अम्बेडकर का एक लोकप्रिय नारा था – ‘स्वतंत्रता समानता बंधुतत्व’। यह एक ऐसे समाज की उनकी दृष्टि को दर्शाता है जहां हर कोई स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे का अनन्द लेता है।
कार्यक्रम में एडवोकेट शैलेन्द्र शुक्ला, उमेश शुक्ला, भारत लाल शुक्ला, आर0के0 सिंह, आत्मा राम, के0के0 त्रिपाठी, एस0पी0 पाण्डेय, वी0के0 शुक्ला, एडवोकेट आलोक कुमार श्रीवास्तव, चन्द्रभान यादव, पुण्डरीक मिश्रा, रजनीश सिंह, देवेन्द्र श्रीवास्तव, पदम् श्रीवास्तव, सतगुरू प्रसाद, राम लाल भारती, सुशील कुमार अग्रहरि, महेश पटेल आदि लोग उपस्थित रहे।