19 अक्टूबर, रायबरेली। इस साल फरवरी में छपी ख़बरों में बताया गया कि नगरपालिका में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि शहर की सीमा में 15 गावों को सम्मिलित कर लिया जाएगा। ये गाँव होंगे- किशुनपुर रामचंद्र, गोकुलपुर, डिडौली, गढ़ी खास, रामपुर, जहानपुर कोडर, दरियापुर, सुल्तानपुर आइमा, गढ़ी मुतवल्ली, बिबियापुर, चक बहादुरपुर, मधुपुरी, चकशहाबुद्दीनपुर, खसपरी, भुआपुर जुनारदार।
खबरों के मुताबिक ऐसा करने से इन ग्राम सभाओं की करीब दो लाख आबादी को शहर जैसी सुविधाएं मिलने लगेगीं। कुछ लोगों ने लोहानीपुर की तरफ के कुछ क्षेत्रों को भी इस लिस्ट में शामिल करने की मांग की। इसके साथ ही इस समाचार का स्वागत हुआ क्योंकि रायबरेली जनपद का धीरे-धीरे विस्तार हो रहा है। रोजगार या शिक्षा की तलाश में आये लोग शहरों में आकर निजी या किराये के मकानों में आकर रहना शुरू कर रहे हैं और इससे शहर के आसपास बसे ग्राम सभाएं शहरी ग्रामों में तब्दील हो रही हैं। यह कोई नया ट्रेंड नहीं है। देश दुनिया के तमाम क्षेत्रों में शहरीकरण लम्बे समय से होता आया है। शहरीकरण के साथ बढ़ती आबादी के लिए सड़क, पानी, जल-निकासी इत्यादि सुविधाओं का विस्तार होना भी जरुरी है। इसी क्रम में रायबरेली नगरपालिका की बैठक में गत फरवरी में यह फैसला लिया गया।
फैसले के आठ महीने बीतने के बाद भी नगरपालिका स्तर से कोई कार्यवाही शुरू न होने पर आज जब नगरपालिका अध्यक्ष शत्रोहन सोनकर से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से इसे शासन को भेज दिया गया है।
जनता उम्मीद रखना जानती और शासन की स्वीकृति और उसके बाद नगरपालिका के विकास कार्यों के उम्मीद कर बैठी हुई है।