दो तस्वीरें काफ़ी हैं शहर में फैले कूड़े की स्थिति को दिखाने के लिए । कहीं जिम्मेदारों के कारण तो कहीं नागरिकों के कारण स्थितियाँ जस की तस बनी रहती हैं। पहली तस्वीर विरोधाभासी भी है, क्योंकि उसके पास ही स्वच्छ भारत लिखा हुआ है। दूसरी सदाबहार स्थिति की है।
इस तरह के ढेरों से मुक्ति के सघन आंदोलन चलाए जाने की जरूरत है।