नई दिल्ली, 18 अक्टूबर। सर्वोच्च न्यायालय अब सभी सुनवाइयों की लाइव-स्ट्रीमिंग /सीधा प्रसारण करने की योजना बना रहा है। एक ट्रायल रन के तौर पर शुक्रवार 18 अक्टूबर को सभी बेंचों की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया गया। यह प्रसारण सुप्रीम कोर्ट के यूट्यूब चैनल की जगह एक ऐप के माध्यम से किया गया।
वर्तमान समय में जनहित के मुद्दों जैसे कोलकाता बलात्कार एवं हत्या केस और संविधान से संबंधित मामलों की सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट के यूट्यूब चॅनेल से लाइव-स्ट्रीम किया जाता है। सन 2018 के स्वप्निल त्रिपाठी बनाम सर्वोच्च न्यायालय मामले के निर्णय ने न्यायालय की कार्यवाही के सीधे प्रसारण के रास्ते बना दिए।
उच्च न्यायालय भी अपनी कार्यवाहियों का प्रसारण कर सकेंगे। गुजरात उच्च न्यायालय इस मामले में भारत का पहला उच्च न्यायालय है।
न्यायालय की कार्यवाही के सीधे प्रसारण के पीछे यह तर्क है कि इससे न्यायिक प्रक्रिया में और पारदर्शिता आएगी, साथ ही जनता को जानकारी पाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
दुनियाभर में अधिकांश सर्वोच्च न्यायालय (अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका) अपने द्वारा सुने गए सभी मामलों का सीधा प्रसारण या उन्हें अपलोड करते हैं। भारत में यह व्यवस्था अभी सीमित रूप से शुरू है।। भविष्य में इससे सम्बंधित अन्य तकनीकी मुद्दों (जैसे कि वॉयस मॉडुलेशन इत्यादि) भी विचार किया जा सकता है।