सोशल मीडिया की एक खूबियों में से है उसका पुराने साल की मेमोरीज दिखाना। ऐसी ही एक मेमोरीज में सन २०२१ में डाली गयी जनसुनवाई का एक प्रार्थना पत्र मिला। इस प्रार्थनापत्र के बाद कुछ स्थानीय अख़बारों में लेख लिख कर भेज दिए थे, जो एक- दो जगह छ्प भी गए थे। एप्लिकेशन पहुंचने के बाद उसका फॉलो आप भी लिया गया था। दोनों का मिलाजुला असर रहा हो या कोई और बात नयापुरवा , आयुर्वेदिक अस्पताल से अंदर जाने वाली सड़क कुछ दिनों में बनकर तैयार हो गयी थी। बहरहाल, खुश रहने के लिए यह ख्याल ही अच्छा है कि सड़क जनसुनवाई की एप्लीकेशन के कारण बन कर तैयार हुई थी। (और, अब अपने पुराने रूप में वापस है!)