रायबरेली, 13 जनवरी। रायबरेली एम्स के शौचालयों में एक लम्बे समय तक साबुन या हैंडवाश नहीं थे। जिसके कारण मरीजों और तीमारदारों को मल-मूत्र विसर्जन के बाद केवल पानी से हाथ धोना पड़ता था। कैंटीन के आसपास भी हाथ साफ़ करने की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस मुद्दे को वॉइस ऑफ़ रायबरेली और कंचन टुडे ने प्रमुखता से उठाते हुए न केवल छापा था बल्कि एम्स की हालिया प्रेस-कांफ्रेंस में भी इस पर सवाल खड़े किये थे। इस खबर का असर भी आज एम्स रायबरेली में देखने को मिला। हैंडवाश के फोटोग्राफ्स एम्स की मुख्य इमारत के दो अलग-अलग तलों के पुरुष शौचालयों में तब खींचे गए हैं, जब वहां फोटोग्राफर के अलावा कोई और मौजूद नहीं था। भारत में महात्मा गांधी से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी तक ने स्वच्छता की महत्ता पर बल दिया है। ऐसे में एम्स प्रशासन का ढीला रवैय्या किस सोच के कारण बरक़रार था यह कह पाना मुश्किल है। बहरहाल, शौचालाओं में हैंडवाश रखे जाने को अपवाद न मानकर एक रूटीन का काम माना जाना चाहिए। एम्स प्रशासन को इस कार्यवाही के लिए धन्यवाद!