नई दिल्ली, 24 दिसंबर। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली द्वारा गिग वर्कर्स के अधिकारों पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। आयोग की कार्यकारी निदेशक श्रीमती विजय भारती सयानी ने कहा कि गिग वर्कर्स जिस तरह की चुनौतियों का सामना करते हैं उसके लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क (नियामक ढांचा) बनाये जाने की आवश्यकता है। आयोग के मुख्य सचिव श्री भारत लाल ने कहा कि गिग वर्कर्स की समस्याओं के समाधान के लिए और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए उपलब्ध कानूनों और सोशल सिक्योरिटी कोड 2020 के क्रियान्वयन की बहुत जरूरत है। न्यूनतम मजदूरी और आय में पारदर्शिता को सुनिश्चित कर लैंगिक भेदभाव को खत्म किया जा सकता है। कंपनियों द्वारा चलाये जा रहे रेटिंग सिस्टम और उस संबंध में गिग वर्कर्स की बात न सुने जाने पर भी इस परिचर्चा में सुझाव आये। स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ, दुर्घटना बीमा, ओल्ड-ऐज प्रोटेक्शन और दुर्घटना के कारण होने वाली बेरोजगारी के सम्बन्ध में भी सुझावों पर चर्चा हुई।