बांग्लादेश से मिल रही ख़बरों के मुताबिक वहाँ के जो लोग देश से बाहर जाना चाह रहे हैं उन्हें कई तरह के सरकारी जांचों से गुजरना पड़ता है। ज्यादातर मामलों में यदि वे बाहर जाने का प्रयास करते रहते हैं तो एजेंसीज के राडार पर आ जाते हैं, जिससे उनके लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं। वहाँ के आर्मी अधिकारी ने इस बात को स्वीकारा है, सुरक्षा कारणों से किसी का नाम नहीं दिया जा सकता।
हिंसाग्रस्त बांग्लादेश में लगातार ऐसी घटनाएं हो रहीं हैं, जिन्होंने वहाँ न केवल अल्पसंख्यंकों का जीना बेहाल कर दिया है, बल्कि देश के मुलभुत ढांचे में भी बदलाव के प्रयास भी दिखाई पड़ने लगे हैं। यूनुस की अंतरिम सरकार अभी तक हिंसा रोकने के लिए कोई सही कार्यवाही करने में अक्षम और उदासीन रही है। लोकतान्त्रिक चुनाव की घोषणा भी शेख हसीना के निर्वासन से अब तक नहीं की गयी है।