रायबरेली। न्यू स्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल बगहा की बस से हुए हादसे और बच्चों को स्कूल ना ले जाने को लेकर वायरल हो रहे वीडियो पर विद्यालय के संस्थापक प्रबंधक शशिकांत शर्मा ने अपना पक्ष रखा है। श्री शर्मा ने बताया कि विद्यालय छात्र, अभिभावक और प्रबंधन के त्रिकोणीय मेल से चलता है। घटना को दिया जा रहा है वह दुखद है। एक अभिभावक अपने बच्चे का प्रवेश कराने से पहले विद्यालय की समस्त व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेता है। पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही वह अपने बच्चे का दाखिला करवाता है। सलोन की शाखा में पढ़ने वाले बच्चे के साथ हुए हादसे का दुख पूरे प्रबंध तंत्र को है। हम सब ईश्वर से बच्चे के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना प्रतिदिन करते हैं। विद्यालय के शिक्षकों और प्रबंधक को संवेदनहीन बताया जाए तो कष्टकारी है। हादसे के समय से ही विद्यालय प्रबंधन पूरी तरह से बच्चे और उसके परिजनों के साथ हैं। विद्यालय के स्टाफ द्वारा ही उसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलोन और फिर उसके बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिला अस्पताल से ट्रामा सेंटर के लिए चिकित्सकों ने बच्चे को रिफर किया है। प्रबंधक ने कहा कि हादसे को तमाम तरह का मोड़ देकर विद्यालय की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। वायरल वीडियो के बारे में उन्होंने कहा कि हादसे का शिकार हुए बच्चे के पिता द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे के बाद प्रबंधन ने उन बच्चों से कहा था कि अपने अभिभावकों के साथ ही विद्यालय आए। जबकि अभिभावकों का कहना है कि वह विद्यालय में कदम नहीं रखेंगे। जब एक हादसे को परिजन दूसरा रूप दे रहे हैं तो बिना अभिभावकों के बच्चों को विद्यालय में प्रवेश कैसे दिया जा सकता है? उन्होंने कहा कि हम बच्चों को शिक्षा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं, लेकिन अभिभावकों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। सोशल मीडिया में हो रहे दुष्प्रचार से पढ़ाई में मेहनत करने वाले शिक्षकों का मनोबल गिरता है।