ओस्लो, नॉर्वे। नॉर्वे की कम्मुनिस्ट पार्टी ने अपने देश की सरकार से अपील की है कि वह नाटो से बाहर आ जाये और मानवीय अस्तित्व के लिये खतरा बन चुके परमाणु हथियारों पर प्रतिबन्ध लगाने वाली संधि पर हस्ताक्षर करे। नॉर्वे नाटो का एक सक्रिय सदस्य है, जिस कारण चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में उसकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण बन गयी है। नार्वेजियन कम्युनिस्ट पार्टी का यह कहना भी है कि संयुक्त राष्ट्र का परमाणु हथियारों पर प्रतिबन्ध 22 जनवरी 2021 को लागू हुआ था, जिसपर अब तक 73 राज्यों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। बतौर पार्टी नॉर्वे के जो भी दल नाटो का समर्थन करते हैं, वे परमाणु हथियारों का समर्थन करते हैं। इन सबके बीच यह बताना भी आवश्यक है कि नोबेल शांति पुरस्कारों का चयन भी नॉर्वे ही करता है।