एक भारतीय यूरोपियन देश नॉर्वे में वहाँ की एक लड़की के साथ रिश्ते में है, दोनों के बीच प्रेम है, प्रेम की परीक्षाएं हैं और एक धीमा-सुखांत है। क्रिसमस ऐस यूजुअल फिल्म की कहानी में पूर्व और पश्चिम के दो छोरों पर बसी एकदम अलग सभ्यताओं के बीच की प्रेम कहानी पर बनी रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म है।
एक सच्ची कहानी से प्रेरित यह फिल्म थिया (इडा उर्सिन-होल्म), एक नॉर्वेजियन, और जशन (कनन गिल), एक भारतीय के लिए उसके प्यार का अनुसरण करती है। जब थिया अपने परिवार के साथ क्रिसमस मनाने के लिए अपने ग्रामीण नॉर्वेजियन गृहनगर की यात्रा पर निकलती है, तो वह जशन को साथ ले जाने का फैसला करती है। कहानी में तब मोड़ आता है जब यात्रा से ठीक पहले जशन शादी का प्रस्ताव रखता है और थिया नॉर्वे में अपने परिवार को उनके फैसले के बारे में बताने का वादा करती है। थिया के लिए जटिलताएं अपने परिवार को जशन के बारे में बताने को लेकर हैं, वहीँ जशन हर नार्वेजियन परम्पराओं को मानने में कठिनाई का अनुभव करता है। नॉर्वे एक ऐसा देश है जहाँ हर तीसरा व्यक्ति आपका म्यूच्यूअल फ्रेंड हो सकता है। ऐसे में विकास के साथ-साथ ग्रामीण समुदाय का भाव वहाँ अच्छे से पता चलता है। रिश्तों-नातों में नॉर्वे भारत से बेहद अलग है। भारत के बारे में बात करते समय अक्सर अरुंधति रॉय और शांताराम का जिक्र सुनाई देता है। फिल्म में इन्ही सब को दिखाने का प्रयास किया गया है। मुझे निजी तौर पर, जशन का रोल थोड़ा ओवर-एक्टिंग वाला लगा। हालाँकि, इंटरनेट पर उपलब्ध समीक्षाओं में गिल की अदाकारी की तारीफ़ की गयी है। थिया द्वंद्व में फँसी एक नार्वेजियन लड़की के किरदार को बखूबी निभाती हैं। उसका परिवार एक मध्यमवर्गीय नार्वेजियन परिवार है। और फिल्म के कलाकारों ने अपने रोल को ठीक से निभाया है। प्रेम की अभिव्यक्ति, और स्वीकारोक्ति के तरीके निजी और पारिवारिक जीवन में अलग-अलग संस्कृतियों में अलग-अलग होते हैं। यह इस फिल्म में देखने को मिला है। बहरहाल, दुनिया के उत्तरी किनारे पर बसे इक देश में पनपी प्रेम-कहानी को देखना बुरा अनुभव नहीं रहा।