लखनऊ, 24 दिसंबर। पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत् निगमों के निजीकरण के विरोध में गत रविवार को विरोध-प्रदर्शन किया और कहा कि निजीकरण की प्रक्रिया शुरू होते ही कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। यह हड़ताल निजीकरण का फैसला वापस होने तक जारी रहेगी। दरअसल देश के कई हिस्सों में व्यवस्था में सुधार की बात पर बिजली कॉर्पोरेट घरानों को दे दी गयी है। इससे विभाग के कर्मचारियों में रोष है। निजी कंपनियों को बिजली आपूर्ति की जिम्मेदारी देने पर एक अलग तरह की व्यवस्था निगमों में शुरू हो जाएगी, जिसका प्रारूप निजी कम्पनियाँ तय करेंगी। बिजली विभाग के घाटों और उपभोक्ताओं की शिकायतों के बीच इस विभाग की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े होते रहे हैं, लेकिन विभाग के कर्मचारियों का इस तरह का प्रदर्शन यह जताता है कि वे हर हाल में निजीकरण का विरोध करेंगे। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अभी बिजली निजी कम्पनियाँ उपलब्ध करा रही हैं, और कई जगहों पर बिल निकालने का काम उन्हें सौंपा गया है। प्रदेश सरकार को इस मामले पर एक ऐसे रास्ते की तलाश है जिसमेँ उपभोक्ताओं को असुविधा न हो और विभाग का घाटा भी न्यूनतम हो।