रायबरेली, 20 दिसंबर। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समाज सुधार की बात करने वाले संत गाडगे बाबा के परिनिर्वाण दिवस पर जिलाधिकारी आवास के समीप बने उनके स्मारक पर दर्जनों लोगों ने एकत्रित होकर माल्यार्पण किया, और संत गाडगे की शिक्षाओं पर चर्चा की। महाराष्ट्र के अमरावती में फरवरी 1876 में जन्मे देबूजी जिंगराजी जनोरकर को उस क्षेत्र में गाडगे बाबा के नाम से जाना जाता है। कीर्तन के माध्यम से समाज में शिक्षा और स्वच्छ्ता की बात करने वाले संत गाडगे ने समाज के पिछड़े और दलित वर्ग के उत्थान के लिए आजीवन प्रयास किया। संत गाडगे की मृत्यु 20 दिसंबर 1956 को अमरावती जिले में हुई थी।
आज के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संत गाडगे आंबेडकर क्रांति उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट अरविन्द कुमार चौधरी, आज़ाद शक्ति सेवा संगठन के प्रमुख अधिवक्ता गोविन्द सिंह चौहान, सपा नेता रंजीत यादव, कौशलेन्द्र प्रताप सिंह, धनंजय सिंह, शिवशंकर यादव, कमलेन्द्र सिंह भदौरिया, अभय सोनकर, आदित्य सिंह, रजनीश सिंह, पंडित विश्वास दुबे, प्रदीप निर्मल आदि लोग उपस्थित रहे। संत गाडगे की प्रतिमा के माल्यार्पण एवं चर्चा के बाद उपस्थित लोगों ने गौतम बुद्ध विचार मंच की ओर से भगवन बुद्ध की प्रतिमा का माल्यार्पण भी किया।