किसी शहर में बाल-अनुकूल वातावरण वह है जो बच्चों की सुरक्षा, भलाई और अधिकारों को प्राथमिकता देता है। बच्चों के अनुकूल वातावरण बनाने के कुछ तरीके कई अध्ययनों से सामने निकलकर आते हैं।
शहरों में सुरक्षित और संरक्षित बाहरी स्थान, खेल के मैदान और पैदल यात्रियों के लिए अनुकूल सड़कें होनी चाहिए। सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बच्चों को खेलने और दोस्तों से मिलने के लिए हरे-भरे स्थानों और पार्कों तक पहुंच हो। सामाजिक सेवाएं स्वास्थ्य सेवाओं, पौष्टिक भोजन और स्वच्छता सुविधाओं जैसी गुणवत्तापूर्ण सामाजिक सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए।
शिक्षा गुणवत्तापूर्ण, समावेशी और सहभागी शिक्षा और कौशल विकास प्रदान करें। बच्चों को शोषण, हिंसा और दुर्व्यवहार से बचाया जाना चाहिए।
सुरक्षा मानकों में यातायात सुरक्षा एक सामान्य कारक है, और इसमें सड़क की स्थिति, गति सीमा और यातायात संकेत शामिल हैं।
इसके अलावा वातावरण को एक सकारात्मक सामाजिक वातावरण बनाएं जहां बच्चे बिना किसी आलोचना के खुद को अभिव्यक्त कर सकें और पारिवारिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन में भाग ले सकें।
आवास ऐसे आवास डिज़ाइन होने चाहिए जो विभिन्न पारिवारिक आकारों और गतिशीलता के लिए लचीली रहने की व्यवस्था के साथ परिवारों की जरूरतों को ध्यान में रखते हों।
मिश्रित उपयोग वाले पड़ोस के विकास को प्राथमिकता दें जो शैक्षिक, चिकित्सा और मनोरंजक सुविधाओं तक सुविधाजनक पहुंच प्रदान करें।
रायबरेली शहर इन मानकों पर अभी काफी पिछड़ा हुआ है। विद्यालय बहुत से खुल गए हैं, लेकिन कहीं उनमें मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, कहीं अयोग्य अध्यापक हैं, कहीं खेल कूद के नाम पर खानापूर्ति होती है। सामाजिक माहौल ऐसा बनता जा रहा है कि सड़कों पर चलते-चलते अपनी हताशा और निराशा, विवेकहीनता या दबंगई को अपशब्दों और मारपीट के रूप में व्यक्त करना आम बात हो गयी है। कम ही लोग हैं जो इस बात का ध्यान रखते हों कि सामाजिक माहौल इस तरह का बना रहे कि किसी को कोई समस्या न हो। बच्चों के पार्क नदारद हैं, दो-एक जगह नए पार्क बने हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या वे पर्याप्त हैं? बच्चों के बेहतर भविष्य से संबंधित सवाल बहुत सारे हैं, जिनके जवाब समाज को खुद तलाशने होंगे।