कानपुर, 26 नवंबर। मजदूरों और किसानों की मूलभूत मांगों को लेकर केन्द्रीय श्रम महासंघों और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आंदोलन के तहत् संविधान दिवस पर श्रम आयुक्त कार्यालय पर इंटक, एटक, एच एम एस, सीटू, ऐक्टू, ए आई यू टी यू सी, टी यू सी सी, बैंक, रक्षा, रेलवे, एफ सी आई इत्यादि केंद्रीय प्रतिष्ठानों के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार की नीतियों से मज़दूर,किसान, कर्मचारी, छात्र नौजवान के बुनियादी मसलों को लेकर संजीदा नहीं है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित 18 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन श्रमायुक्त यूपी मुख्यालय पर धरना दे कर अपर श्रमायुक्त डी के सिंह को दिया गया। ज्ञापन देकर सरकार को चेतावनी देते हुए धरने माध्यम से कहा कि उनकी मांग के संबंध में गंभीरता से लिया जाए।
1.चारो श्रम संहिताओं को तत्काल रद्द किया जाय। असंगठित क्षेत्र व अन्य श्रमिकों का न्यूनतम वेतन रू0 26,000 किया जाय।
2. सभी फसलों के लिये एमएसपी पर कानूनी गारंटीकृत खरीद, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप सी 2+50 फीसद अर्थात लागत का डेढ गुना दाम की एमएसपी घोषित की जाय।
3. एक सर्वसमावेशी ऋण माफी एवं कर्जा मुक्ति योजना लागू की जाय। साठ साला किसान पेंशन योजना 10,000 प्रति माह लागू की जाये।
4. बिजली बिल 2022 वापस लिया जाय। प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना रद्द की जाय। योगी सरकार द्वारा 300 यूनिट घरेलू उपभोक्ताओं को तथा किसानों को सिंचाई हेतु बिना शर्त फ्री बिजली देने का वादा पूरा किया जाय। फर्जी बिल एवं अन्य बिजली सम्बन्धित समस्याओं को हल किया जाय।
5. कारपोरेट कम्पनियों एवं अन्य के लिये अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण बन्द हो। भूमि अधिग्रहण पुर्नवास पुर्नस्थापना, उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता अधिकार कानून 2013 का उल्लंघन बन्द हो। भूमि अधिग्रहण के नाम पर जबरिया बैनामा से भूमि न ली जाय, उत्तर प्रदेश में 2017 से न बढ़ाये गये सर्किल रेट को पूर्व की भॉति सालाना बढ़ाया जाय। पुर्नवास, बिना विकल्प के आवास न गिराये जाय।
6. फसलों व पशु पालन के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की व्यापक बीमा योजना लागू की जाय।
7. डीएपी यूरिया आदि की आपूर्ति बढ़ाकर सहकारी समितियों / संघो आदि से उचित वितरण, कालाबाजारी, नकली खाद-बीज पर कड़ाई से रोक का पालन कराया जाय। कृषि यंत्रों, कीटनाशकों आदि पर से जीएसटी समाप्त की जाय।
8. हाईब्रिड धान की एमएसपी (2300-2320 रू0 प्रति कुन्तल सरकारी रेट) पर मंडियों में खरीद सुनिश्चित की जाय। जबकि मंडियों में मात्र 1700-1800 रू० प्रति कुन्तल धान का भाव है। सरकारी क्रय केन्द्र चालू किये जाये। बासमती श्रेणी के धान का न्यूनतम दाम रू0 4000 प्रति कुं० और खरीद की गारण्टी की जाय।
9. भारी वर्षा से फसलों की बर्बादी, धान में रोग से हुई उत्पादन में भारी हानि का प्रति एकड़ रू0 30,000 मुआवजा एवं फसल बीमा दिलाया जाय। आलू का भण्डारण बोरे में वजन के अनुसार तय हो, शीतगृहों की बोरा आधारित वसूली पर रोक लगाई जाय।
10. सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक लगायी जाये, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) एवं ठेका खेती प्रथा को समाप्त किया जाये। सभी संविदा कर्मियों को स्थायी किया जाय।
11. पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाय, ईपीएफओ की पेंशन रू0 1000 की जगह रू0 10,000 प्रति माह की जाय।
12. स्कीम वर्कर्स, आशा, रसोईया, आंगनबाड़ी आदि का वेतन रू0 26,000 प्रति माह कर कर्मचारी का दर्जा दिया जाय।
13. मनरेगा में दो सौ दिन काम की गांरटी और रू0 600 प्रति दिन मजदूरी करने, सभी माँगने वाले को काम एवं समय से भुगतान दिया जाय। इसे कृषि, पशुपालन, और वाटर सेड योजना से जोड़ा जाय।
14. मॅहगाई, बेरोजगारी, सभी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगायी जाय। रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति की जाय। शिक्षा व स्वास्थ्य के लिये फ्री सरकारी व्यवस्था की जाय ।
15. सभी चीनी मिल चालू किये जाय किसानों के बकाये का भुगतान व्याज सहित अविलम्ब कराया जाय। गन्ने का न्यूनतम मूल्य रू0 520 प्रति कुंतल घोषित किया जाय।
16. प्रदेश में वर्ष 2019 से बकाया न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण के लिये समिति का गठन किया जाय।
17. आउट सौर्सिंग के माध्यम से नियोजन में कार्यरत कर्मियों , गिग कर्मचारी तथा सुरक्षा कर्मियों को श्रम कानूनों के अंतर्गत लाया जाये तथा समान कार्य का सामान वेतन भुगतान किया जाये ।
18. प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कार्यरत तथा सेवानिवृत्त कर्मियों को मजीठिया वेज बोर्ड के हितलाभ दिलाये जाएँ।
हम सभी श्रम संगठन व किसान संगठन सरकार से आग्रह करते है कि वह मजदूर विरोधी, किसान विरोधी व जन विरोधी आर्थिक नीतियों को छोड़कर जन मुखी आर्थिक नीतियों का निर्माण करें। यदि सरकार हमारी माँगों को नहीं मानती है तो हम अपने आन्दोलन को तीव्र करते हुये नई उँचाई तक ले जायेगें।
धरने में प्रमुख रूप से असित कुमार सिंह संयोजक, पी एस बाजपाई, तारिणी कुमार पासवान, राजीव खरे, राणा प्रताप सिंह, आरडी गौतम, रमेश विश्वकर्मा, एच एन तिवारी, रजनीश गुप्ता, शरद अग्रवाल, गौरव दीक्षित, योगेश ठाकुर, रामप्रकाश राय, एस ए एम ज़ैदी, आर डी गौतम, रमेश विश्वकर्मा, उमेश शुक्ला, आर पी श्रीवास्तव, मीनाक्षी सिंह, अशेक तिवारी, मो वशी, देवेन्द्र सिंह, नीलम तिवारी, सीमा कटियार ओपी रावत, सिद्ध नाथ तिवारी, अरविंद तिवारी, विजय कुमार,आदि शामिल रहे।