रूस के कुर्स्क से विधायक, पटना के मूल निवासी, अभय सिंह भारत आये हुए हैं। वे एक रुसी डेलिगेशन के साथ रूस-इंडिया बिज़नेस फोरम में भाग लेने के लिए भारत आये हुए हैं। 11 नवंबर को मुंबई में हुए इस फोरम में रूस के फर्स्ट डिप्टी चेयरमैन श्री डी वी मांटुरोव और भारत के विदेश मंत्री श्री इस जयशंकर भी उपस्थित रहे। अभय सिंह का कहना है कि यह फोरम दोनों देशो के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया एक कदम है। इस फोरम में दोनों देशों के विभिन्न उद्योगों को फायदा पहुँचाने वाले बहुत से प्रयास किये गए हैं। आने वाले समय में भारत और रूस के बीच नए अवसर और नए आयाम देखने को मिलेंगे।
इसके बाद दिल्ली में रशियन बिज़नेस सेंटर के उद्घाटन के मौके पर श्री सिंह ने कहा कि रुसी दूतावास में इस सेंटर के खुलने से रुसी उद्यमियों का भारत आना आसान हो जायेगा। और यह भारतीय व्यापारियों को रुसी तकनीक से भी परिचित कराएगा। हमारा विशेष ध्यान नई तकनीकों, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सतत विकास पर है।
ट्रम्प के चुनाव जीतने और इससे रूस-यूक्रेन युद्ध पर पड़ने वाले सवाल के जवाब में अभय सिंह ने कहा कि ट्रम्प के आने से परिवर्तन तो आएगा। धीरे-धीरे सभी को यह समझ आ रहा है कि जो सरकारें रूस-यूक्रेन युद्ध को ख़त्म नहीं होने देना चाहती थीं, वे स्वयं बदलाव के दौर से गुजर रहीं हैं। बहुत से देशों में कलर रेवोलुशन के माध्यम से सत्ता परिवर्तन कर पश्चिमी देशों ने अपनी अपनी हेकड़ी पहले भी दिखाई है। ऐसा लगता है कि भारत में भी इस चुनाव में कुछ ऐसे प्रयास किये गए थे, जो सफल नहीं हो सके। ट्रम्प के आने के बाद न्यू रूस का मस्क वाला फार्मूला काम कर सकता है। हो सकता है शुरुआत में ट्रम्प रूस पर कड़ा रुख अख्तियार करें, लेकिन धीरे-धीरे वे इस युद्ध के समाप्ति के प्रयास करेंगे। ट्रम्प का रूस के साथ एक तारतम्य पहले से ही है।