Tuesday, December 24, 2024
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विशेष लोक अदालत का मकसद सुगम न्याय देना हैं : जिला जज

विशेष लोक अदालत में आर्बिट्रेशन के नौ वादों का आपसी सुलह-समझौते से हुआ निस्तारण

रायबरेली। उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व जनपद न्यायाधीश अब्दुल शाहिद के निर्देशन में दीवानी न्यायालय परिसर में आर्बिट्रेशन के वादों के लिए विशेष लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस विशेष लोक अदालत का उद्धाटन जनपद न्यायाधीश अब्दुल शाहिद द्वारा दीप प्रज्जवलन करके किया गया। जिला जज द्वारा उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए बताया गया कि आर्बिट्रेशन के वादों को आपसी सुलह-समझौते से निस्तारित किये जाने के उद्देश्य से इस लोक अदालत का आयोजन किया गया है। 

         जिला जज ने कहा कि लम्बित मामलों को सुलह-समझौते के आधार पर निपटाये जाने से वादकारियों को सुलभ व सुगम न्याय प्राप्त होता है। न्याय व्यवस्था में वादकारी का हित सर्वोच्च होता है। फाइनेन्स कम्पनियों द्वारा ऐसे व्यक्तियों को जो कि मजबूरीवश ऋण जमा नहीं कर पाते है, को विशेष छूट देनी चाहिए। जिला जज द्वारा उपस्थित लोगों को आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत 13 अगस्त के बारे में भी जानकारी दी गयी। इस अवसर पर अपर जिला जज अरुण कुमार मल्ल, विनोद कुमार बर्नवाल, उदयवीर सिंह व अन्य अपर जिला जज, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) पूजा मिश्रा, विभिन्न फाइनेन्स कम्पनियों के प्रबन्धक, अधिवक्ता, वादकारी और मीडियाकर्मी उपस्थित रहे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुमित कुमार ने बताया कि इस विशेष लोक अदालत में आर्बिट्रेशन के नौ वादों का आपसी सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारण किया गया तथा नौ लाख 40 हजार 939 रुपये का समझौता कराया गया। दीवानी न्यायालय परिसर में कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए शासन की गाइडलाइन्स का पालन करते हुए इस विशेष लोक अदालत का आयोजन किया गया। आमजन की सहायता के लिए न्यायालय परिसर में कई जगह सहायता पटल बनाये गये। 

विशेष लोक अदालत को संबोधित करते जिला जज
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