- पीडि़त मरीज विजय पांडेय ने जिम्मेदारों को भेजी शिकायत, हाईकोर्ट में करेंगे पीआईएल
- एम्स की हो रही किरकिरी के लिए ईडी की उदासीनता को बताया जा रहा है जिम्मेदार
रायबरेली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. अरविन्द राजवंशी की उदासीनता कार्डियोलॉजी विभाग में उपजे विवाद को जल्द ही माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष खड़ा कर सकती है। प्रकरण हाईकोर्ट में पहुंचने के बाद उनकी नाकामी भी खुलकर सामने आ जाएगी। यदि एम्स के मामलों पर न्याय निर्णय और राहत के लिए मरीजों को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़े, तो मोटी तनख्वाह उठाने वाले प्रबंधन के अफसरों का क्या काम? फिलहाल पूरे देश में एम्स की किरकिरी ईडी की उदासीनता, डीन के बड़बोले पन, एएमएस की राजनीति, हृदय रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अर्चना वर्मा की खामोशी और डॉ. एपी सिंह की हठधर्मिता से हो रही है। गौरतलब है कि एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ. अंकित गुप्ता और डॉ. एपी सिंह के मध्य खींचतान चल रही है। एक सप्ताह से ज्यादा का मामला हो जाने के बाद भी ईडी अंजान बने हुये हैं। उनके बयान से स्पष्ट होता है कि वह मरीजों और तीमारदारों के हितों की रक्षा के लिए नहीं बल्कि अपनी तानाशाही चलाने के लिए तैनात किए गए हैं। विवाद के चलते डॉ. अंकित गुप्ता ने ओपीडी बंद कर रखी है। लखनऊ के ए-1355/6 इन्दिरा नगर निवासी विजय कुमार पांडेय ने एम्स प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाकर जनहित याचिका दायर करने की बात कही है। याचिका दायर करने के पूर्व उन्होंने जिम्मेदारों को भेजे गये पत्र के माध्यम से एम्स की अव्यवस्थाओं को रेखांकित किया है। उन्होंने सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, अतिरिक्त सचिव, प्रेसीडेन्ट एम्स डॉ. एके सिंह, ईडी डॉ. अरविन्द राजवंशी, डीन डॉ. नीरज कुमारी, डीडी प्रशासन एसके सिंह, एएमएस डॉ. सुयश सिंह, हृदय रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अर्चना वर्मा और डॉ. एपी सिंह को पत्र भेजा है। उन्होंने बताया कि डॉ. अंकित गुप्ता ने उनके हार्ट का ऑपरेशन वर्ष 2023 में किया था, जिसका आईपीडी नंबर 999122023005901 है। उन्होंने बताया कि इसके बाद वह 6 मई को सीने में दर्द होने की समस्या पर एम्स रायबरेली ओपीडी पहुंचे थे। वहां उन्होंने काउंटर पर पर्चा बनवाने का प्रयास किया तो बताया गया कि डॉ. अंकित गुप्ता आज नहीं बैठेंगे डॉ. एपी सिंह को दिखाना पड़ेगा। विजय कुमार पांडेय ने बताया कि चूंकि मेरा पूर्व में ऑपरेशन दूसरे डॉक्टर ने किया था, इसलिए एपी सिंह को दिखाना उचित नहीं था। तमाम प्रयासों के बावजूद वह खुद को नहीं दिखा सके। उन्होंने चार पेज के शिकायती पत्र में एम्स प्रबंधन पर तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि एम्स का उद्देश्य मरीजों को किफायती मूल्य पर प्रभावी और उच्च गुणवत्ता वाली नैदानिक सेवाएं एवं स्वास्थ्य वितरण प्रणाली में गुणात्मक परिवर्तन वाली स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना है, ना कि व्यक्तिगत इच्छा आकांक्षा की पूर्ति के लिए अनाधिकृत व्यवस्था बनाकर मरीजों का जीवन खतरे में डालना है। उन्होंने ईडी डॉ. अरविन्द राजवंशी पर आरोप लगाया कि वह जबरन तानाशाही से अपनी व्यवस्थाएं चला रहे हैं। जबकि हृदय रोग विभाग एक अतिसंवेदनशील विभाग है। वहां की व्यवस्थाओं में थोड़ी भी असावधानी मरीज के जीवन पर खतरा पैदा कर सकती है। विजय कुमार पांडेय ने बताया कि सैकड़ों मरीजों को हो रही असुविधा को लेकर वह माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेंगे। जिसको लेकर सभी जिम्मेदारों को शिकायती पत्र भेजा गया है।