जिम्मेदारों की उदासीनता से गांव में नहीं पहुंच रहीं हैं विकास की योजनाएं
नसीराबाद (रायबरेली)। जिम्मेदारों की अनदेखी से खुद की बदहाली सार्वजनिक शौचालय अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। डीह ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत रायपुरटोड़ी के लाखों के बजट से बने पंचायत घर व सार्वजनिक शौचालय, स्नानघर विभागीय अनदेखी के चलते बद से बदतर स्थित में पहुंच गया है। दरवाजे, खिड़कियां टूट गयी हैं। प्रांगण में सफाईकर्मी ना आने बड़ी-बड़ी घास उगी हुई है। शासन की नई व्यवस्था के अनुसार जहां जन्म, मृत्यु, निवास प्रमाण पत्र परिवार रजिस्टर की नकल समेत अन्य कार्यों के लिए ग्रामीणों को ब्लॉक मुख्यालय के चक्कर ना लगाने पड़े। इसके लिये सचिव व पंचायत सहायक को पंचायत भवन में बैठने के लिये आदेश जारी किये गये हैं। पंचायत भवनों में कम्प्यूटर प्रिंटर, इंटरनेट आदि की व्यवस्था भी सरकार द्वारा करायी गयी है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सार्वजनिक शौचालय व स्नानघर विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई वर्षों से पंचायत भवन में कोई कर्मचारी नहीं आता है। जिम्मेदारों की उदासीनता से सरकारी भवन की बद से बदतर हालत हो गई है। रात दिन मवेशी आकर डेरा डाले रहते हैं। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि सार्वजनिक शौचालय व स्नानघर की देखरेख ना होने के कारण शौचालय की सीट टूट गयी। पानी की टंकी गांव में दूसरे के दरवाजे पड़ी है। बीडीओ डीह ने बताया कि जांच करवा कर कार्यवाही की जायेगी। जबकि मुख्य विकास अधिकारी प्रभाष कुमार ने बताया कि बदहाल सार्वजनिक शौचालय व स्नानघर की जानकारी नहीं है। टीम गठित कर जांच करवाई जायेगी। लापरवाही करने वालों पर कार्यवाही की जायेगी।