कागजों तक सीमित रह गया समाधान दिवस, 105 में केवल आठ शिकायतों का निपटारा
जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने पर भी नहीं हो रही है कोई कार्यवाहीरायबरेली। शासन द्वारा फरियादियों को न्याय दिलाने के लिए संपूर्ण समाधान दिवस आयोजित करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए गए हैं। महीने के पहले और तीसरे शनिवार को प्रत्येक तहसील में आयोजित होने वाले इन संपूर्ण समाधान दिवसों में फरियादी भ्रष्टाचार अवैध कब्जे जैसी तमाम शिकायतें लेकर आते हैं। सदर तहसील में कल आयोजित हुए संपूर्ण समाधान दिवस में न्याय के लिए पहुंचे उन फरियादियों को तगड़ा झटका लगा, जो सदर तहसीलदार द्वारा बेमतलब और बेवजह लंबित की गई पत्रावलियों पर कार्यवाही की मांग करने आए थे। भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों से घिरे तहसीलदार पर कार्यवाही करने के बजाय डीएम स्वयं उनके साथ बैठकर पीडि़तों की समस्याएं सुन रही थीं। जबकि जांच में सदर तहसीलदार द्वारा गलत तरीके से दाखिल-खारिज करने और नियमों की अनदेखी करने की पुष्टि की जा चुकी है, इसके बावजूद तहसीलदार पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। जनता हैरान है कि प्रमाणित भ्रष्टाचार के बावजूद भी डीएम अब तक चुप हैं। यदि ऐसे ही चलता रहा तो लोगों का विश्वास इस जिला प्रशासन के सबसे बड़े पद से भी उठ जाएगा। सदर तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में राजस्व, कानून, बिजली, सडक़, भूमि विवाद, भूमि की पैमाइश, शौचालय, राशन, आवास आदि से संबंधित दर्जनों शिकायतें प्राप्त हुईं हैं, जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को समस्याओं को तत्काल नियमानुसार निस्तारण करने के निर्देश दिये। पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने भूमि विवाद व अन्य विवादों आदि के सम्बन्ध में सम्बन्धित थाना प्रभारी को निस्तारण करने के निर्देश दिए। समाधान दिवस में 105 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें से केवल आठ का ही मौके पर निस्तारण कराया जा सका है। डीएम माला श्रीवास्तव ने अधिकारियों से कहा कि जनता की समस्याओं को अनदेखा न करें। निस्तारण में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। डीएम ने आईजीआरएस के अन्तर्गत ऑनलाइन एवं मुख्यमंत्री हेल्पलाइन प्राप्त होने वाले सन्दर्भों के निस्तारण के सम्बन्ध में कहा कि वे अपने-अपने विभागों से सम्बन्धित प्रकरणों व डिफाल्टर संदर्भों में जिन विभागों की संख्या अधिक है वह स्वयं रूचि लेते हुए संदर्भों को शून्य करने तथा डिफाल्टर की श्रेणी में आने से पहले ही गुणवत्तापूर्ण समयबद्ध निस्तारण कराएं। उल्लेखनीय है कि सदर तहसीलदार द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की खबरें मीडिया में आने के बाद लोगों को भरोसा था कि इन पर कार्रवाई हो चुकी होगी, लेकिन संपूर्ण समाधान दिवस में जब तमाम पीडि़त तहसीलदार के कारनामों की शिकायतें करने पहुंचे तो उन्हें डीएम के सामने तहसीलदार मौजूद नजर आए। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी जिलाधिकारी ने भ्रष्टाचार को इस तरह से नजरअंदाज किया हो। इस दौरान पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी, सीडीओ प्रभाष कुमार, सीएमओ वीरेन्द्र सिंह, एसडीएम शिखा संखवार, तहसीलदार उमेश चन्द्र, एडीआईओ इंजेश सिंह, मो. राशिद आदि जिलास्तरीय सभी अधिकारी उपस्थित रहे।