सर कटाकर इमाम हुसैन ने मिटा दी यजीद की हस्ती
ऊंचाहार(रायबरेली)। बुधवार को मुहर्रम के तीसरे दिन भी मजलिसों और मातम का दौर चलता रहा । इस दौरान कर्बला में हजरत इमाम हुसैन द्वारा दी गई शहादत को याद करके लोगों की आंखे नम हो गई ।
ऊंचाहार कस्बे के बड़े इमामबाड़ा में लोगों ने मजलिस को संबोधित करते हुए कहा कि जालिम यजीद ने पैगम्बर के प्यारे नवासे का सर कलम करके जंग भले जीत ली हो , किंतु हजरत इमाम हुसैन ने कुर्बानी देकर पूरी कायनात को कतेह कर लिया है। आज दुनिया हुसैन को याद करती है । जबकि यजीद का कोई नामलेवा नहीं है। इस दौरान तंजीम ए हैदरी में शरबत , चाय और पानी की व्यवस्था की थी। मजलिस को ओवेस नकवी , असगर नकवी और हसनैन मुस्तफावादी को संबोधित किया । इसमें ताबिस हैदर ने पढ़ा कि ‘ वापस मदीना लौटकर आए न फिर हुसैन , या रब किसी गरीब का ऐसा सफर न हो’ सुनकर सभी अजादारों की आंखे भर आई थी। इस मौके पर शोएब हैदर , जॉन हैदर, कोनैन अब्बास , सिबतैन अब्बास , हैदर अब्बास के अलावा नाजिर हैदर , डा अजहर अब्बास नकवी, अशरफ हुसैन असद , शाजू नकवी आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।