ऊंचाहार (रायबरेली)। गंगा एक्सप्रेसवे में कार्य कर रही संविदा कंपनियों की मनमानी के चलते लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। मिट्टी ढुलाई का कार्य कर रही ठेकेदार कंपनिया प्रदूषण नियमों का बिना पालन किए हुए ग्रामीणों को गंभीर बीमारियों के मुंह में धकेल रही हैं। हद तो तब हो गई जब इन्होंने विद्यालय के बच्चो को भी नही छोड़ा। जिसके चलते ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। बताते चले कि गंगा एक्सप्रेसवे में मिट्टी ढुलाई का कार्य तेजी से चल रहा है, जिससे ग्रामीण सडक़े जहां ध्वस्त हो गई है। वहीं इनकी लापरवाही के चलते एक बच्चे की जान भी अब तक जा चुकी है। किलोमीटर 2600 में कार्य करने वाली कंपनी के ठेकेदार की मनमानी का यह आलम है कि उसके द्वारा सडक़ो पर पानी का छिडक़ाव नहीं किया जा रहा है। जिसके चलतें धूल का गुबार उड़ कर लोगों के घरों में घुस रहा है और लोगों के शरीर के अंदर धूल जाने से जहां गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। वही उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। कंपनियों के द्वारा सरकारी गाइड लाइन का भी पालन नहीं किया जा रहा है। किलोमीटर 2600 के निकट संचालित एक इंटर कालेज के बच्चों की पढ़ाई पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। आलम यह है कि जब सामने सडक़ से एक्सप्रेसवे के वाहन गुजरते है तो सारी धूल कालेज के कमरों में घुस जाती है जिससे कमरे में पढ़ाई कर रहे बच्चो का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इस बात की शिकायत कई बार उपजिलाधिकारी से भी की गई, किंतु दबंग ठेकेदार कोई भी नियम मानने को तैयार नहीं है। यदि जल्द ही इसका समाधान नही होता तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते है। बच्चे गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।