विकास भवन में प्रदर्शन और पैदल मार्च कर दिया मांगों को लेकर ज्ञापन
रायबरेली। अखिल भारतीय किसान महासभा ने पानी के भयानक संकट और अन्य मांगों को लेकर विकास भवन में धरना दिया। धरने को संबोधित करते हुए किसान महासभा के जिलाध्यक्ष फूलचंद्र मौर्या ने कहा कि पूरे जिले के सभी अमृत सरोवर, तालाब, पोखर, नैय्या और नाले पूरी तरह से सूखे पड़े हुए हैं। जंगली जीव जंतुओं, पक्षियों, छुट्टा जानवरों को एक बूंद पानी नहीं मिल रहा है। इस कारण पिछले कई दिनों से जीव जंतुओं, पक्षियों के प्यास से मरने की खबरे जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आ रही हैं। वन्य जीवों की जीवन रक्षा में वन विभाग और जिला प्रशासन की यह अनदेखी बहुत घातक साबित हो रही है। पालतू जानवरों को भी बचा पाना पशुपालकों के लिए कठिन हो गया है। आश्चर्यजनक है कि वर्ष भर इस विषम मौसम से निपटने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए जाने वाले तालाबों, पोखरों को कोई देखने वाला नहीं कि भौतिक रूप से उनकी कोई उपयोगिता है भी या नहीं। पेयजल के संकट से भी जिले की बहुसंख्य आबादी जूझ रही है। जिले के अधिकांश इंडिया मार्का नल खराब पड़े हैं और यदा कदा चल भी रहे हैं। उनसे बेहद गंदा और दूषित पानी निकल रहा है। वर्षों से चल रही पेयजल की तमाम परियोजनाएं हाथी का पांव ही साबित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इस गंभीर संकट के समय में जिले की सभी नहरों को चलाकर तालाबों, नालों, पोखरों को भरने के बजाय उन्हें कथित तौर पर बन्द कर दिया गया है। यह निर्णय बहुत अप्रासंगिक है। पानी के अभाव में काल कवलित हो रहे जीव जंतुओं, पशु-पक्षियों और समूची आबादी को बचाने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है। भाकपा (माले) जिला कमेटी सदस्य डा. हलीम महमूद ने कहा कि जिले में गांव-गांव जीविका मिशन और कुछ निजी कंपनियों, बैंकों ने समूह बनाकर ग्रामीण महिलाओं को कर्ज के मकडज़ाल में फंसा रखा है, जो उन लघु ऋणों का न्यूनतम 24 प्रतिशत या उससे अधिक ब्याज देने के लिए विवश हैं। इस महाजनी ब्याज से उन्हें अवमुक्त करते हुए उनके माइक्रोफाइनेंस की माफी की आवश्यकता है। अधिकांश महिलाएं ऋण से ज्यादा ब्याज अदा कर चुकी हैं। संतोष कुमार एडवोकेट ने कहा कि जिले में वर्षों से मनरेगा की मजदूरी बकाया है। साथ ही आधार लिंक न कर पाने के कारण उनमें से हजारों मनरेगा मजदूरों को श्रेणी से बाहर कर दिया गया। उनकी बकाया मजदूरी का भुगतान करने तथा उन्हें आधार से लिंक करने का अवसर देते हुए नए श्रमिकों को जॉब कार्ड दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मनरेगा की मजदूरी में वृद्धि और उसे कृषि से जोडऩे की पुरानी मांग को पूरा करने के बजाय सरकार मनरेगा को खत्म करने पर आमदा है। आरएस यादव ने कहा कि पानी एक स्थाई सवाल है। यह हर वर्ष गर्मी के महीने में उठता है और बारिश होते ही समाप्त हो जाता है। प्रशासन को अपने प्रयासों का श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। इंकलाबी नौजवान सभा नेता अहमद सिद्दीकी ने कहा कि चुनाव में भाजपा को मिली शिकस्त विगत 10 वर्षों के किसानों, मजदूरों, नौजवानों, छात्रों, महिलाओं, दलितों आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के लगातार चले संघर्षों का परिणाम है। भाजपा की दिल्ली में जनमत के विरुद्ध बनी सरकार व प्रदेश की सरकारों के दमनकारी व जनविरोधी नीतियों का मुकाबला लोकतांत्रिक तरीके से जारी रखना होगा। बाद में जिलाधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकालकर मांगों से संबंधित ज्ञापन दिया गया। प्रदर्शन में कामरेड अरुण कुमार, कन्हैया लाल, हरी लाल, कॉम अहसन, राम किशन, रामपाल, उमा नाथ सहित दर्जनों लोगों ने हिस्सा लिया।