मुड़िया डीह आश्रम में आयोजित किया गया दंगल, राष्ट्रीय पहलवानों ने की शिरकत
पिछले 22 वर्षों से मुड़िया डीह आश्रम में करवा के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार को आयोजित होता है दंगल।
रायबरेली। 22 वर्षों से अनवरत मुड़िया डीह आश्रम में लगता चला आ रहा दंगल का आयोजन सोमवार को किया गया। मुड़िया डीह आश्रम के परिसर में आयोजित दंगल में देर शाम तक पुरुष और महिला पहलवानों ने अपने दाँव-पेंच लगाकर दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान 5,100 रुपये की तीन बड़ी कुश्तियों का आयोजन किया गया। तीनों ही बड़ी कुश्ती में राष्ट्रीय पहलवानों ने अपने दाँव-पेंच लगाकर जीत हासिल की। आश्रम के विराट दंगल की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध हास्य कलाकार स्व. राजू श्रीवास्तव की पत्नी शिखा श्रीवास्तव रही। अध्यक्षता इटौंजा स्टेट के राजा ने की। मुड़िया डीह आश्रम के महंत श्री कृष्ण जी ने बताया कि 22 वर्षों से अनवरत ये दंगल लगता चला आ रहा है। करवा चौथ के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार को यह दंगल आयोजित किया जाता है। आश्रम की परंपरा के अनुसार दंगल में लोकल पहलवानों के साथ ही राष्ट्रीय पहलवानों को भी बुलाया जाता है। यही नहीं, महिला पहलवान भी अपने दाँव-पेंच लगाकर दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर देती हैं। उन्होंने बताया कि कोरोन काल की वजह से पिछले दो साल दंगल और मेले का आयोजन नहीं किया गया था, लेकिन अब सब कुछ सामान्य होने के बाद फिर से दंगल का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में पहलवानी से चर्चा में आए देश के रक्षा मंत्री और तीन बार सूबे के मुख्यमंत्री रहे स्व. मुलायम सिंह यादव जी की स्मृति में उनके कार्यकर्ताओं की तरफ से 5,100 रुपये की कुश्ती का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया धरतीपुत्र मुलायम सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट के आर पी राजन, अखिलेश माही, राम बिलास यादव, शशि कपूर, चाँद खां और पुष्कर पाल की तरफ से अब हर वर्ष नेता जी की याद में एक कुश्ती का आयोजन कराया जाएगा । उन्होंने बताया कि धरतीपुत्र रत्न पुरस्कार और नगद राशि जम्मू कश्मीर के पहलवान शेरू ने अपने नाम किया । उन्होंने दिल्ली के पहलवान मोनू के साथ 15 मिनट तक जोरदार संघर्ष करने के बाद इस पुरस्कार को जीता। इसके अलावा हास्य कलाकार स्व. राजू श्रीवास्तव की स्मृति में उनकी पत्नी शिखा श्रीवास्तव की तरफ से 5,100 रुपये की एक कुश्ती आयोजित की गई। जिसमें अयोध्या के पहलवान विनोद ने पटियाला के गुरुदयाल को मात दी। महंत श्रीकृष्ण ने बताया कि अब हर वर्ष एक बड़ी कुश्ती राजू श्रीवास्तव जी की स्मृति में हर वर्ष आयोजित की जाएगी।
इसके अलावा फाइनल कुश्ती इटौंजा के राजा रहे स्व. भानु प्रताप सिंह की याद में उनके बेटे की तरफ से एक कुश्ती का आयोजन किया गया। यह कुश्ती विगत कई वर्षों से कराई जा रही है। यह फाइनल कुश्ती 5,100 रुपये से शुरू होती है और 11000 रुपये तक जाती है। इस वर्ष फाइनल कुश्ती शमसेर और मथुरा के विश्वजीत के बीच में हुई, जिसमें मथुरा के पहलवान ने कड़े मुकाबले में आधा घण्टे तक अखाड़े में लड़ने के मात देने में कामयाब रहे।
महिला पहलवान रही अखाड़े का आकर्षण
आश्रम में आयोजित दंगल के आकर्षण का केंद्र महिला पहलवान रही। महिला पहलवानों में हिमाचल प्रदेश की बंटी ने सुभांगी को मात दी। इसके अलावा कानपुर की पहलवान खुशी ने गोरखपुर की सरिता को मात दी। गोरखपुर की पुष्पा सिंह ने मिर्जापुर की अनीता को मात देकर दंगल को जीता। दंगल की मुख्य अतिथि शिखा श्रीवास्तव ने कहा कि यह ग्रामीण खेल अब लुप्त होता जा रहा मेरी सरकार से मांग है कि सरकार इसके उत्थान के लिए कार्य करें, राजू जी गांव से बहुत जुड़े थे,उन्हें ग्रामीण कार्यक्रमों से बहुत लगाव था, राजू को याद कर भावुक हो गई शिखा श्रीवास्तव।