प्यास से तड़प रहे छह माह के असगर पर जालिम को नही आया रहम
ऊँचाहार (रायबरेली)। शुक्रवार को पांचवीं मुहर्रम पर भी मजलिसाें का दौर चलता रहा। इस दौरान वक्ताओं ने कर्बला की घटना की सिलसिलेवार बताया तो अजादारों के आंख से आंसू निकल आए थे। वक्ताओं ने छह मास के भूखे प्यासे अली असगर को पानी मांगने पर उसके सुने पर जहर से बुझा हुआ तीर मार दिया गया । खुदा के उसूलों की राह में असगर शहीद हो गए , किंतु हजरत ने फिर भी इंसानियत की राह नहीं छोड़ी और वह दीन ईमान के लिए आगे बढ़ते रहे।
ऊंचाहार नगर के अली मुक्तदा के मकबरे में हुई मजलिस में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। यहां पर हसनैन नकवी ने कहा कि आग से तपती रेत पर मासूम बच्चे , महिलाएं व बीमार आगे बढ़ रहे थे , दीन और ईमान की रक्षा के लिए उनके कदम रसूल के बताते रास्ते पर थे,लेकिन जालिम यजीद का कहर जारी रहा,और भूख प्यास से तड़प रहे बच्चों पर भी जालिम ने रहम नहीं खाया। ओवेश नक़वी ने बताया कि आज दुनिया हुसैन को याद करती है । जबकि यजीद का कोई नामलेवा नहीं है । उन्होंने पढ़ा कि ” सिर गैर के आगे न झुकाने वाला , और नेजे पे भी कुरान सुनाने वाला , इस्लाम से क्या पुंछते हो कि कौन हुसैन , हुसैन हैं इस्लाम को इस्लाम बनाने वाला” तो सभी की आंखों में आसूं आ गए।इस अवसर पर मुख्य रूप से सुल्तान अब्बास , अशरफ हुसैन असद, शाजू नकवी, आरिस नकवी, शानू नकवी,अजहर अब्बास नकवी, फरमान हैदर,इमरान नकवी, सलमान नकवी, तुराब नकवी, आजमी नकवी, असकरी अब्बास, आसिफ हुसैन ,सरकार नक़वी और पैकर अब्बास समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।