आचार्य स्मृति दिवस के रजत जयंती समारोह का दो दिवसीय आयोजन संपन्न
वरिष्ठ पत्रकार डा कृपाशंकर चौबे को प्रभाष जोशी व छात्रा आस्था को मिला शिवानन्द मिश्र लाले सम्मान
रायबरेली। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति द्वारा मई 1998 को शुरू किये गए ‘आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति संरक्षण अभियान’ की रजत जयंती शनिवार को फिरोज गांधी डिग्री कालेज के सभागार धूमधाम से मनाई गई। दो दिवसीय आयोजन के पहले दिन यानी शुक्रवार को काव्यांजलि सत्र आयोजित किया गया था, जिसमें देश के जाने माने कवियों ने काव्य सरिता प्रवाहित की। शनिवार को हुए मुख्य आयोजन में देश की विशिष्ट विभूतियों का सम्मान किया गया। शनिवार को हुए मुख्य आयोजन सम्मान सत्र की विशिष्ट आकर्षण रहीं प्रख्यात लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी को समिति की ओर से ‘आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी युगप्रेरक सम्मान’ प्रदान किया गया। रजत जयंती समारोह के मंच पर एक अन्य विशिष्ट अतिथि पद्मश्री हलधर नाग भी मौजूद थे, जिन्होंने संबलपुरी (उडिय़ा) भाषा में जनसरोकारों को कविताओं का रूप दिया है। हलधर नाग को ‘डॉ. राममनोहर त्रिपाठी लोकसेवा सम्मान’ प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त महात्मा गांधी विश्वविद्यालय वर्धा से आए डा कृपाशंकर चौबे को पत्रकारिता और लेखन के क्षेत्र में ‘प्रभाष जोशी पत्रकारिता सम्मान’ से नवाजा गया। इसके अलावा जिले के उन प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने अपनी मेधा से जनपद को गौरवान्वित किया है। इस कड़ी में इंटरमीडिएट की 2022 की परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली जनपद की मेधावी छात्रा आस्था श्रीवास्तव को ‘शिवानंद मिश्र लाले स्मृति सम्मान’ प्रदान किया गया। प्रयागराज से आए वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक डा केके श्रीवास्तव का उनके चिकित्सा क्षेत्र में योगदान के लिए विशेष अभिनंदन किया गया। जनपद में अब से 62 वर्ष पूर्व डिग्री कॉलेज की स्थापना करने वाले फिरोज गांधी कालेज के संस्थापक प्रबंधक ओंकार नाथ भार्गव का मरणोपरांत नागरिक अभिनंदन किया गया। अतिथियों का स्वागत समिति की ओर से गौरव अवस्थी ने किया। रूपरेखा अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने प्रस्तुत की तथा अतिथियों का आभार विनय द्विवेदी ने प्रकट किया। समारोह में आनंद स्वरूप श्रीवास्तव, अनुराग त्रिपाठी, अमित लीला पनसानिया, वीरेंद्र विक्रम सिंह, दीपक तिवारी, मोहित गुप्ता, आयुष राठौर, चंद्रमणि बाजपेई, रामबाबू मिश्रा, घनश्याम मिश्रा, विजय मिश्र, अरुण पांडेय, अभिषेक मिश्रा, रोहित मिश्रा आदि मौजूद रहे।
रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा, एक आई लहर…
रायबरेली। आचार्य स्मृति दिवस के रजत जयंती समारोह की पहली शाम कवियों तथा कविताओं के नाम रही। शुक्रवार की शाम फिरोज गांधी सभागार में आयोजित इस काव्यांजलि सत्र की अध्यक्षता पद्मश्री हलधार नाग ने की वही संचालन गाजियाबाद से आई देश की प्रख्यात कवयित्री डा सरिता शर्मा ने किया। काव्यांजलि सत्र में कानपुर से हास्य कवि हेमंत पांडे, फरीदाबाद से दिनेश रघुवंशी, भोपाल से डा अनु सपन, मध्य प्रदेश रेनू श्रीवास्तव, नीलम श्रीवास्तव, चित्तौडग़ढ़ से शुभदा पांडेय ने काव्य पाठ किया। हेमंत पांडे के चुटीले अंदाज पर श्रोताओं ने खूब ठहाके लगाए। वहीं दिनेश रघुवंशी के गीत सुनकर श्रोता कभी भाव विभोर हुए तो कभी ओज से भर उठे। डा सरिता शर्मा अपने मुक्तकों से समां बांधती दिखीं। डा विष्णु सक्सेना के ‘चांदनी रात में…’, ‘रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा, एक आई लहर..’ जैसे गीतों को सुनकर श्रोता अपने स्थान से खड़े होने पर मजबूर हो गए। काव्यांजलि सत्र उस वक्त अपने उत्कर्ष पर पहुंचा जब पद्मश्री हलधर नाग उडिय़ा में काव्य पाठ कर रहे थे और हिंदी पट्टी के श्रोता सिर्फ भाव समझकर उनके साथ झूम रहे थे।
आचार्य पथ स्मारिका एवं दो पुस्तकों का विमोचन
रायबरेली। कार्यक्रम में सम्मान सत्र से पूर्व समिति की प्रत्येक वर्ष प्रकाशित होने वाली आचार्य पथ स्मारिका, हलधार नाग की पुस्तक रामायण के प्रसंग तथा उसके युगीन विमर्श और डा राम मनोहर त्रिपाठी पर आधारित शोध ग्रंथ डा राम मनोहर त्रिपाठी और उनकी साहित्य साधना का विमोचन भी किया गया। हलधार नाग की पुस्तक के अनुसर्जक तथा विमर्शकार डा दिनेश माली और डा राम मनोहर त्रिपाठी शोध ग्रंथ के रचयिता डा बृजेश सिंह हैं।