आरोप लगाकर अखिल भारतीय किसान महासभा ने किया बिजली ऑफिस पर प्रदर्शन
रायबरेली। अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व और उत्तर प्रदेश संयुक्त किसान मोर्चा के आहवान पर गोरा बाजार स्थित विद्युत कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए किसान महासभा के जिला सचिव सुरेश शर्मा ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मुल्क की बर्बादी की कीमत पर मनाया जा रहा है। देश की सारी संपत्तियां पूंजीपतियों के हवाले की जा रही हैं, पानी, बिजली, जंगल, जमीन, कल कारखाने, स्कूल, कालेज, अस्पताल, थल, जल, वायु परिवहन, बैंक, बीमा, संचार सब मुफ्त में अडानी, अंबानी, टाटा और जिंदल के हवाले किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दलित, आदिवासी, महिलाएं, मेहनत मजदूर, किसान, छात्र, नौजवान, अल्पसंख्यक सभी सरकार के निशाने पर हैं। बिजली संशोधन बिल 2022 बिजली को पूरी तरह निजी पूंजीपतियों के हवाले करने के लिए लाया जा रहा है। जिसकी कीमत पूरे देश के किसान और मजदूरों को इसके उपयोग से वंचित होकर चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के सिंचाई कनेक्शन पर मीटर लगाकर किसानों को भी उपयोग से वंचित करने व कृषि कार्य से बाहर कर देने की साजिश का हिस्सा है। जिलाध्यक्ष फूलचंद्र ने कहा कि ग्रामीण गरीबों को वर्षों पहले मुफ्त कनेक्शन दिए गए थे। अब उनसे लाखों के बिल भेजकर वसूली नोटिस दी जा रही है वा उनके कनेक्शन काटे जा रहे हैं, इसे भी किसी कीमत पर बर्दास्त नही किया जा सकता। प्रदर्शनकारियों को राममोहन विश्वकर्मा, रामधनी, हनुमान अंबेडकर, महारथी आदि ने संबोधित किया। बाद में बिजली संशोधन बिल 2022 को वापस लेने, ग्रामीण गरीबों के बिल नोटिस वापस लेने व उनके कटे कनेक्शन संयोजित करने व सिंचाई कनेक्शन मीटर लगाने की कार्यवाही वापस लेने की मांग संबंधी ज्ञापन राष्ट्रपति को दिया गया।