Thursday, December 26, 2024
Homeरायबरेलीजिले में अफ्रीकन स्वाइन फीवर वायरस की दस्तक

जिले में अफ्रीकन स्वाइन फीवर वायरस की दस्तक

सूअरों के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध, बाड़े से बाहर निकालने पर भी रहेगी रोक
राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान से आई रिपोर्ट के बाद जारी हुआ अलर्ट
रायबरेली।
जिले में हुई सूअरों की मौत अफ्रीकन स्वाइन फीवर (एएसएफ) वॉयरस के संक्रमण से होने की पुष्टि के बाद पूरे जनपद में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इससे इंसानों में खतरा बढ़ गया है। अफ्रीकन फीवर से अभी तक सूअर ही मर रहे हैं, लेकिन इंसानों के प्रभावित होने का खतरा मंडराने लगा है। अगर यह बीमारी सुअरों से इंसानों में फैली तो समस्या खड़ी हो जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अफ्रीकन फीवर फैलाने वाला रोगाणु भी वायरस है। ये वायरस बहुत तेजी से म्यूटेशन करते हैं। स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू वायरस भी म्यूटेशन से ही इंसानों में आए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति ने अफ्रीकन फीवर से संक्रमित सूअर का मांस खा लिया तो वायरस उसमें जाकर म्यूटेशन कर सकता है फिर मानव से मानव में संक्रमण फैल सकता है। ज्यादातर वायरल संक्रमण इसी तरह जानवरों से इंसान में आए हैं। सूअर बीमारियों का हब होता है। इससे कई तरह की वायरल और बैक्टीरियल बीमारियां इंसानों में होती हैं। अफ्रीकन फीवर से खतरा बढ़ रहा है, लेकिन अभी तक सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल अटलांटा ने इसे सूअर से सुअर में फैलने वाली बीमारी माना है, लेकिन बावजूद इसके आशंका है कि मनुष्य प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसका कैरियर हो सकता है। डीएम माला श्रीवास्तव के आदेश के बाद जहां सूअरों के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा, वहीं, सूअरों के बाड़े से निकालने पर भी रोक रहेगी। उल्लेखनीय डीएम श्रीमती माला श्रीवास्तव के निर्देश पर जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ सूअरों की मृत्यु की सूचना पर पशुपालन विभाग की टीम ने प्रभावित क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से रक्त, सीरम के नमूने एकत्र कर परीक्षण हेतु राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, आनन्द नगर भोपाल, मप्र को भेजे थे, जिसकी परीक्षण रिपोर्ट 17 अगस्त को प्राप्त हुई है। रिपोर्ट में अफ्रीकन स्वाइन फीवर वॉयरस की पुष्टि की गई है। दावा किया गया है कि यह वायरस सूकर प्रजाति को संक्रमित करता है, इससे मनुष्य एवं अन्य पशु प्रजाति में कोई संक्रमण नहीं होता है। इसलिए इस रोग से किसी भी प्रकार से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। सूअरों में भी इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

लागू होंगे डीएम के यह आदेश

प्रभावित क्षेत्र में सूअरों के विचरण व आवागमन पर पूरी तरह रोक रहेगी। सूअर बाजार का आयोजन भी प्रतिबंधित होगा।

सूअर के मांस की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। सूअर से निर्मित उत्पादों की बिक्री भी इस प्रतिबंध में शामिल होंगे।
संक्रमण प्रभावित इलाकों में नगर निकाय व अन्य स्थानीय निकाय सघन सफाई अभियान चलाएंगे। साथ ही विसंक्रमण पर भी काम होगा।

सूअरों के उपचार और बीमारी के लिए जागरूकता कार्यक्रम पशुपालन विभाग करेगा। नगरीय और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में यह कवायद होगी। नगर निकाय भी इसमें सहयोग करेगा।

नगर निकायों की यह जिम्मेदारी होगी कि सूअर खुले में विचरण न करें। बाड़े से बाहर सूअर मिलने पर पालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। संक्रमण पर पशुपालन विभाग की मदद सेे इलाज कराएं।

हेल्पलाइन पर संपर्क करें
डीएम का कहना है कि सूअरों में किसी प्रकार की बीमारी के संदेह की दशा में अथवा किसी भी प्रकार की अस्वभाविक मृत्यु की दशा में सूचना पशुपालन विभाग, जनपदीय नोडल अधिकारी डॉ. प्रहलाद सिंह निरंजन पशु चिकित्साधिकारी अटौरा बुजुर्ग के मो.न. 8299549690 पर अथवा पशुपालन विभाग के जनपदीय कंट्रोल रूम नम्बर 6394907039 पर तत्काल प्रेषित की जाए। किसी व्यक्ति में बुखार, खांसी व सांस फूलना आदि जैसे लक्षण दिखाई देने पर स्वास्थ विभाग तथा खुले में सूकर घूमते हुए दिखने की स्थिति में संबंधित खंड विकास अधिकारी व अधिशाषी अधिकारी नगर निकाय को तत्काल सूचना प्रेषित करें।

अफ्रीकन स्वाइन फीवर से बचाव
संक्रमित सुअरों के फार्म को कंटेन्मेंट जोन बनाते हुए आसपास एक किलोमीटर क्षेत्र प्रतिबंधित करें।
संक्रमित सुअर का शव खुले में या फिर नदी नाले में न बहायें।
संक्रमित सुअर के मरने पर गहरे गड्ढ़े में चूना और नमक के साथ दफना दें।
संक्रमित सुअरों को फार्म के बाहर न निकालें और बाहरी सुअर अंदर न आने दें।
फार्म के अंदर और बाहर चूने का छिडक़ाव करें और बाहर चूने का घोल रखें।
आने-जाने वाले लोग पैरों को चूने के घोल में भिगोकर जाएं।

पशुपालकों को इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूक करें।

Voice of Raebareli
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