ऊंचाहार (रायबरेली)। मुस्लिम महीना बकरीद की १८ तारीख यानी मंगलवार को शिया मुसलमानों ने ईद-ए-गदीर का त्योहार धूमधाम और अकीदत के साथ मनाया। इस मौके पर लोगों ने नए कपड़े पहने और एक दूसरे को मुबारकबाद पेश की। इसके बाद दुआओं का सिलसिला चला। अकीदतमंदों ने रोजा भी रखा। इस मौके पर ऊंचाहार कस्बा के मस्जिद नूरमियां में महफिल हुई। इस महफिल में मकामी शायरों ने हजरत अली अ. की शान में कसीदे पढ़े। ताबिश हैदर ने पढ़ा कि नबी के बाद तो रहबर बना दिए लेकिन, कहीं गदीर सा मिंबर मिले तो ले आओ, अली की बात बढ़ी है अली तो मौला हैं, जवाब ए हजरत कंबर मिले तो ले आओ। महफिल के बाद मौलाना हसनैन मुस्फाबादी ने अपनी तकरीर में गदीर का वाकया बयान किया। उन्होंने बताया कि जिल हज की १८ तारीख को पैगंबर-ए-अकरम हज के बाद वापस लौट रहे थे। गदीर खुम के मैदान में सारे हाजियों को रोका गया। ऊंट की काठियों का मिंबर बनाया गया। इस मौके पर डॉ. अजहर अब्बास नकवी, वजीर हैदर, आदिल नकवी, तुराब अख्तर नकवी, आरिफ हुसैन, अजादार हुसैन, हसन अब्बास (बादल), हैदर अब्बास, रिजवान, अशरफ हुसैन असद, शाजू नकवी आदि मौजूद थे।