रायबरेली। डीएम हर्षिता माथुर ने त्रिपुला स्थित कान्हा गोवंश विहार गौशाला का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान डीएम ने गायों के खानपान, चारे आदि व्यवस्था के बारे में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल कुमार से जानकारी ली। जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि ग्रीष्म ऋतु/हीट वेव से बचाव हेतु सभी गौशाला केन्द्रों पर पर्दे व छायादार वृक्ष सहित अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखा जाए। कहा कि गौवंश को बीमारियों आदि से बचाव के लिए समय-समय पर गोवंशों की चिकित्सकीय जांच की जाए। गोवंशों के खान-पान चारा आदि व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की कमी न होने पाये और गौवंशों की बेहतरी के लिए निरंतर कार्य किये जाये। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने निरीक्षण रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर, पंचनामा आदि रजिस्टरों का अवलोकन भी किया तथा सम्बन्धित अधिकारी से निरीक्षण आदि व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कस्बों में जो आवारा गौवंश मिले उन्हें गौशालाओं में पहुंचा कर उसका संरक्षण किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता व लापरवाही न बरती जाये। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में चारा, पानी आदि में किसी भी प्रकार की कोई कमी न रहे। इसके लिए लोगों को भूसा दान करने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाए। गोवंशों की चिकित्सा एवं भरण पोषण में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर जिलाधिकारी ने संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये। डीएम के निरीक्षण के समय कान्हा गोवंश बिहार में 514 गोवंश संरक्षित पाये गये, जिसमें 267 नर व 247 मादा गोवंश थे, सभी गोवंशों में ईयर टैगिंग पायी गयी। भूसा गोदाम में लगभग 450 कुंतल भूसा व 316 किग्रा चूरी चोकर संरक्षित पाया गया। निरीक्षण के समय तीन गोवंश बीमार अवस्था में पाये गए जिनकी चिकित्सा की जा रही थी। विहार में पानी की नाद एवं सबमर्सिबल भी लगा हुआ मिला।